Motivational Story In Hindi: हेलो दोस्तों में आज आपसे बात करने वाला हूँ सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव के बारें में, इस बात का वादा रहा ये Best Motivational Story Hindi पड़ने के बाद आपके अंदर मोटिवेशन का पहाड़ पैदा हो जाएगा और साथ ही भारतीय सैनिको के लिए सम्मान पैदा हो जायेगा।
सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव का जन्म औरंगाबाद महाराष्ट्र में 1980 में हुआ था।
दोस्त ये story है कारगिल में जो सबसे खतरनाक लड़ाई हुई टाइगर हिल पर उसकी, उस लड़ाई में इनकी बहुत अहम भूमिका थी जिस वजह से इन्हे परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
दोस्त में चाहता हूँ आज आपको इसके बारें और कुछ पता चले, और ये Motivational Story Hindi सब तक पहुंचे।
16500 फिट ऊँची खड़ी पहाड़ी जो की पूरी बर्फ से ढकी हुई, और उसके ऊपर पाकिस्तान की सेना तैनात थी।
दोस्त बताना चाहूँगा की अगर टाइगर हिल पहाड़ी की ऊँची छोटी उस समय हमारे कब्ज़े में ना आती तो शायद हम success नहीं हो पाते।
योगेंद्र सिंह, एक जवान लड़का अपने लीडर से बोलता है की में चढ़ जाऊँगा इस पहाड़ी पर, हसी वाली बात हो गयी सोचने लगे एक अकेला लड़का 16500 फिट ऊँची बर्फ से ढकी खड़ी पहाड़ी पर चढ़ जायेगा।
पहाड़ का पहला हिस्सा जहा से अगर ऊपर जाने की कोशिश की जाए तो पाकिस्तानी सैनिक ऊपर से गोली बारी चालू कर देते। लेकिन उनको यकीन नहीं था की कोई पीछे से भी आ सकता है।
सुबह 4 बजे का वक्त था और पाकिस्तानी सैनिको को गुमराह करने के लिए, एक और से उनपर गोली बारी की गयी।
कुछ पाकिस्तानी सैनिक पीछे की और देखने गए की कोई इस और से तो हमें घेर नहीं रहा। और योगेंद्र सिंह के बस 60 फिट रहा था।
पाकिस्तानी सैनिकों को पता चला तो उन्होंने इनके ऊपर गोली बारी करना शुरू किया और 3 गोली आके इनके कंधे में घुस गयी।
उन्होने अपनी मजबूत पकड़ बनाई रखी और ये रात भर धीरे धीरे ऊपर चढ़ते रहे।
चढ़े ही नहीं चढ़ते ही पहले ग्रे नाइट से एक पाकिस्तानी बंकर को उखाड दिया और दूसरे से दूसरे बंकर को।
जितने में सेना की दूसरी टुकड़ी आयी उनके support के लिए, और दूसरा राउंड शुरू हुआ।
योगेंद्र सिंह के शरीर में 16 गोलियां लग गयी, पूरा शरीर चलनी चलनी हो गया था और motivation इतना की वे बोले -
इनको परम वीर चक्र से सम्मानित भी किया गया, और इनके ऊपर Lakshya Movie भी बनी है, ऋतिक ने उस story में सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव का ही तो रोल निभाया है।
दूसरी कहानी है इआन कार्डोजो की जोकि 1971 में जब पाकिस्तान के खिलाफ जंग छिड़ी तब ये गोरखा रेजिमेंट में मेजर हुआ करते थे।
एक दफा दोस्त बता दू की गोरखा रेजिमेंट के सिपाही शरीर से काफी शक्तिशाली और दिल के बहुत मजबूत, सीधे तरीके में - इनको मौत से डर नहीं लगता।
जब ये अपने लक्ष्य लिए निकले तो ज़मीन में एक बारूद छिपा था और इनका पैर उसके ऊपर आ गया और इनका पैर फट चुका था। और उस वक्त कोई अस्पताल तो थी नहीं।
कोई उस समय ठीक से ऑपरेट नहीं कर पा रहा था तो उन्होने अपनी खुखरी निकाली और अपने हाथों से अपना पैर काट डाला।
जब इनको बाद मे ऑपरेशन कर लकड़ी का पैर लगाया गया तो आर्मी सीनियर ऑफिसर ने कहा की अब आपका प्रोमोशन नहीं हो सकता क्योंकि आप विकलांग हो चुके है।
और बाद मे उनकी परीक्षा सेना के प्रमुख ने ली, उनको आदेश दिया की लद्दाक की बर्फीली पहाड़ी पर चढ़ के दिखाओ। और ये चढ़ गए।
दोस्त ये देश के एक ऐसे सैनिक थे जो विकलांग होने के बावजूद मेजर जनरल की रेंक तक पहुंच गए।
दोस्तों अगर सही तरीके से देखा जाये तो दुनिया भर में जो देश है वो अपने सैनिकों का बहुत सम्मान करते है, उनसे लगाव है उन्हें।
और हमारे देश में सैनिकों से कितना प्यार किया जा रहा है वो तो रोज न्यूज़ और सोशल मीडिया पर आप देख ही रहे है।
दोस्त आज हमारे देश में नेताओं के स्मारक तो बनते है बहुत VIP और आर्मी लीडरों को कोई पूछने वाला भी नहीं है, बनते भी है तो किसी गांव में किसी कोने में।
अगर आप चाहते है की आर्मी के लिए सम्मान बड़े तो इस "Motivational Story in Hindi ! रोंगटे खड़े हो जाएंगे" को शेयर करे, और हमें कमेंट में बताये की क्या आपने कभी इस तरह आर्मी लीडर का सम्मान किया।
ये पड़ना ना भूले;-
हमारे साथ जुड़ने के लिए हमें फॉलो करे-
FaceBook:- STrpage
Instagram:- STrinsta
Twitter:- STrtweet
Note: I have heard and read all this and have tried to explain to you in my language so that you can benefit from it, Thank you.
Short Motivational Story In Hindi
Motivational Story In Hind |
सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव का जन्म औरंगाबाद महाराष्ट्र में 1980 में हुआ था।
दोस्त ये story है कारगिल में जो सबसे खतरनाक लड़ाई हुई टाइगर हिल पर उसकी, उस लड़ाई में इनकी बहुत अहम भूमिका थी जिस वजह से इन्हे परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
दोस्त में चाहता हूँ आज आपको इसके बारें और कुछ पता चले, और ये Motivational Story Hindi सब तक पहुंचे।
16500 फिट ऊँची खड़ी पहाड़ी जो की पूरी बर्फ से ढकी हुई, और उसके ऊपर पाकिस्तान की सेना तैनात थी।
दोस्त बताना चाहूँगा की अगर टाइगर हिल पहाड़ी की ऊँची छोटी उस समय हमारे कब्ज़े में ना आती तो शायद हम success नहीं हो पाते।
योगेंद्र सिंह, एक जवान लड़का अपने लीडर से बोलता है की में चढ़ जाऊँगा इस पहाड़ी पर, हसी वाली बात हो गयी सोचने लगे एक अकेला लड़का 16500 फिट ऊँची बर्फ से ढकी खड़ी पहाड़ी पर चढ़ जायेगा।
पहाड़ का पहला हिस्सा जहा से अगर ऊपर जाने की कोशिश की जाए तो पाकिस्तानी सैनिक ऊपर से गोली बारी चालू कर देते। लेकिन उनको यकीन नहीं था की कोई पीछे से भी आ सकता है।
Motivational Kahani In Hindi
सूबेदार सिंह ने अपने साथ कुछ लोगो को लिया और पहाड़ी के पिछले हिस्से से ऊपर चढ़ने लगे।सुबह 4 बजे का वक्त था और पाकिस्तानी सैनिको को गुमराह करने के लिए, एक और से उनपर गोली बारी की गयी।
कुछ पाकिस्तानी सैनिक पीछे की और देखने गए की कोई इस और से तो हमें घेर नहीं रहा। और योगेंद्र सिंह के बस 60 फिट रहा था।
पाकिस्तानी सैनिकों को पता चला तो उन्होंने इनके ऊपर गोली बारी करना शुरू किया और 3 गोली आके इनके कंधे में घुस गयी।
उन्होने अपनी मजबूत पकड़ बनाई रखी और ये रात भर धीरे धीरे ऊपर चढ़ते रहे।
चढ़े ही नहीं चढ़ते ही पहले ग्रे नाइट से एक पाकिस्तानी बंकर को उखाड दिया और दूसरे से दूसरे बंकर को।
जितने में सेना की दूसरी टुकड़ी आयी उनके support के लिए, और दूसरा राउंड शुरू हुआ।
योगेंद्र सिंह के शरीर में 16 गोलियां लग गयी, पूरा शरीर चलनी चलनी हो गया था और motivation इतना की वे बोले -
दुश्मन को मारने से पहले अगर मुझे मौत आयी तो पहले मौत को मौत के घाट उतार दूँगा
इनको परम वीर चक्र से सम्मानित भी किया गया, और इनके ऊपर Lakshya Movie भी बनी है, ऋतिक ने उस story में सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव का ही तो रोल निभाया है।
Best Short Motivational Story In Hindi
Best Motivational Story In Hindi |
दूसरी कहानी है इआन कार्डोजो की जोकि 1971 में जब पाकिस्तान के खिलाफ जंग छिड़ी तब ये गोरखा रेजिमेंट में मेजर हुआ करते थे।
एक दफा दोस्त बता दू की गोरखा रेजिमेंट के सिपाही शरीर से काफी शक्तिशाली और दिल के बहुत मजबूत, सीधे तरीके में - इनको मौत से डर नहीं लगता।
जब ये अपने लक्ष्य लिए निकले तो ज़मीन में एक बारूद छिपा था और इनका पैर उसके ऊपर आ गया और इनका पैर फट चुका था। और उस वक्त कोई अस्पताल तो थी नहीं।
कोई उस समय ठीक से ऑपरेट नहीं कर पा रहा था तो उन्होने अपनी खुखरी निकाली और अपने हाथों से अपना पैर काट डाला।
अगर तुजे मौत से डर नहीं लगता तो या तू झूट बोल रहा है या तू गोरखा है-जनरल मानेकशॉ
जब इनको बाद मे ऑपरेशन कर लकड़ी का पैर लगाया गया तो आर्मी सीनियर ऑफिसर ने कहा की अब आपका प्रोमोशन नहीं हो सकता क्योंकि आप विकलांग हो चुके है।
Motivational Story In Hindi For Your Success
लेकिन अलग नशा था इनमे लकड़ी के पाँव में ही खुद की ट्रेनिंग करि और बोले की दो पैर वाले से मेरी रेस करा दो में उसको भी पछाड़ दूँगा, और ऐसा ही हुआ।और बाद मे उनकी परीक्षा सेना के प्रमुख ने ली, उनको आदेश दिया की लद्दाक की बर्फीली पहाड़ी पर चढ़ के दिखाओ। और ये चढ़ गए।
दोस्त ये देश के एक ऐसे सैनिक थे जो विकलांग होने के बावजूद मेजर जनरल की रेंक तक पहुंच गए।
दोस्तों अगर सही तरीके से देखा जाये तो दुनिया भर में जो देश है वो अपने सैनिकों का बहुत सम्मान करते है, उनसे लगाव है उन्हें।
और हमारे देश में सैनिकों से कितना प्यार किया जा रहा है वो तो रोज न्यूज़ और सोशल मीडिया पर आप देख ही रहे है।
दोस्त आज हमारे देश में नेताओं के स्मारक तो बनते है बहुत VIP और आर्मी लीडरों को कोई पूछने वाला भी नहीं है, बनते भी है तो किसी गांव में किसी कोने में।
My Final Word On Motivational Story In Hindi
दोस्त जब भी किसी आर्मी लीडर को देखो तो उनका सम्मान करो उन्हें सलाम करो उनके लिए तालिया बजाओ, ताकि उनका हौसला और बुलंद हो।अगर आप चाहते है की आर्मी के लिए सम्मान बड़े तो इस "Motivational Story in Hindi ! रोंगटे खड़े हो जाएंगे" को शेयर करे, और हमें कमेंट में बताये की क्या आपने कभी इस तरह आर्मी लीडर का सम्मान किया।
हमारे साथ जुड़ने के लिए हमें फॉलो करे-
FaceBook:- STrpage
Instagram:- STrinsta
Twitter:- STrtweet
Note: I have heard and read all this and have tried to explain to you in my language so that you can benefit from it, Thank you.
0 Comments
Post a Comment