Motivational Story in Hindi:- एक वीर था इस देश का जो लड़ा था कभी अपने देश के लिए, Jaswant Singh Rawat की motivational Hindi Kahani.
दोस्त आज छोटी सी बात पर हम कुछ फेसलो को वापस ले लेते है, उन्हें पूरा करने से इंकार कर देते है। हार मान लेते है।
आज अपनी जिंदगी में कुछ ना कर पाने और कुछ ना बन पाने के लिए एक आम आदमी कहता है में गरीब था। इसलिए में कुछ ना कर सका।
दोस्त कोनसी गरीबी की बात कर रहा है, अरे कोनसी गरीबी ?
और कहेगा की में इस वजह से unsuccess हुआ, बाकी तो में ऐसा कर देता वैसा कर देता।
दोस्त कभी किसी success व्यक्ति से मिलना और पूंछना की आप आखिर success कैसे हो पाए, वो आपको अपने बिलकुल करीब बैठाएगा।
अरे क्या excuse देना चाहते हो
लेकिन नियति ने तो कुछ और ही लिखा था।
सोचने मात्र से पसीने निकल जाते है।
जब सरकार ने भी कह दिया की ये जमीन छोड़ वापिस लोट आओ तो ये बोले के में यही मरूंगा, में यही मरूंगा।
करीब 300 से ज्यादा शत्रुओ को मोत के घाट उतार दिया।
ये भी कहा जाता है की जसवंत सिंह को चीनी सैनिको ने ज़िंदा पकड़ा और पता चला की एक सिपाही तीन दिन से हमसे लड़ रहा था।
और 300 से ज्यादा हमारे सैनिको को मार चूका है इस वजह से उन्हें फांसी दी और उनका सर काट कर ले गए थे।
माना जाता है की जसवंत सिंह के नाम के आगे शहीद आज भी नहीं लगाया जाता, क्यूंकि सैनिको का कहना है की उनकी आत्मा आज भी पहरा देती है।
और बताया ये भी जाता है की भारत चीन की मीटिंग के दौरान एक खाली चेयर आज भी लगाई जाती है। यहाँ तक की समय-समय पर इनका प्रमोशन भी होता है।
My Final Words:-
दोस्त कोई नहीं रोक सकता यदि आप कुछ करना चाहते हो। यदि आपको Jaswant Singh Rawat की motivational kahani पसंद आयी तो इसे शेयर जरूर करे।
ये पड़ना ना भूले:-
Jaswant Singh Rawat Motivational Hindi Story
एक वीर था इस देश का जो लड़ा था कभी अपने देश के लिए, लेकिन उसे लड़ते हुए किसी ने नहीं देखा था। वो एक जांबाज था।दोस्त आज छोटी सी बात पर हम कुछ फेसलो को वापस ले लेते है, उन्हें पूरा करने से इंकार कर देते है। हार मान लेते है।
आज अपनी जिंदगी में कुछ ना कर पाने और कुछ ना बन पाने के लिए एक आम आदमी कहता है में गरीब था। इसलिए में कुछ ना कर सका।
दोस्त कोनसी गरीबी की बात कर रहा है, अरे कोनसी गरीबी ?
- किसी looser से जा के मिलना और पूंछना की आप आखिर unsuccess क्यूँ हुए ? वो एक जेब से लम्बी लिस्ट निकाल कर बताएगा। जिसमे करीब हजार बहाने होंगे।
और कहेगा की में इस वजह से unsuccess हुआ, बाकी तो में ऐसा कर देता वैसा कर देता।
दोस्त कभी किसी success व्यक्ति से मिलना और पूंछना की आप आखिर success कैसे हो पाए, वो आपको अपने बिलकुल करीब बैठाएगा।
- और कहेगा की मेरी माँ के पास पहनने को साडी बस एक ही थी, इसी वजह से में success हो पाया।
Jaswant Singh Rawat Motivational Hindi Kahani
अरे गरीब आदमी, गरीब तो जसवंत सिंह रावत भी थे।- में बात कर रहा हूँ 1962 के भारत और चीन युद्ध में अकेले 300 से ज्यादा शत्रुओ को मारने वाले रायफलमैन जसवंत सिंह रावत की।
- अरे जसवंत सिंह को ये पता नहीं होता था की सुबह मिला है खाना पर शाम को मिलेगा क्या ?
अरे क्या excuse देना चाहते हो
- उस गरीबी से लड़ कर जसवंत सिंह ने भारतीय सैना में भर्ती पाई। घर के हालात कुछ बेहतर हुए।
लेकिन नियति ने तो कुछ और ही लिखा था।
- 1962 का वो समय जब भारत का अरुणाचल प्रदेश चिनिओ का निशाना था। 14000 फिट की ऊंचाई अरुणाचल में वो जमा देने वाली ठण्ड और पथरीले इलाके।
सोचने मात्र से पसीने निकल जाते है।
- उस वक्त 21 साल का ये नौजवान अपने महापराक्रम की कहानी लिख रहा था।
- वो अपनी जिद्द दिखा रहा था की सांसे है जब तक 1 इंच जमीन इन चिनिओ को लेने नहीं दूंगा।
जब सरकार ने भी कह दिया की ये जमीन छोड़ वापिस लोट आओ तो ये बोले के में यही मरूंगा, में यही मरूंगा।
- में नहीं आऊंगा और अकेले ही निकल पड़े लड़ने को।
- कुछ साथिओ ने साथ दिया, और चल पड़े सभी।
- चीन की एक बड़ी सेना के सामने एक छोटी टुकड़ी क्या कर पाती और सारे जवान मारे गए।
- लेकिन एक जवान की सांसे अभी भी चल रही थी, जसवंत सिंह रावत।
- 3 दिन बिना खाए-पिए कभी इस बंकर से तो कभी उस बंकर से चिनिओ पर गोली बारी करते रहे।
करीब 300 से ज्यादा शत्रुओ को मोत के घाट उतार दिया।
- चिनिओ को भनक तक ना पड़ने दी की ऊपर सिर्फ एक सिपाही है। और लगातार चीनी सेना पर हमला करते रहे।
- और धीरे धीरे उनके पास सारे गोला बारूद ख़तम हो गए।
- जब बहुत बड़ी संख्या में चीनी सैना पहुंची तो उन्हें युद्ध का बंधी नहीं बनना पड़े इसलिए उन्होंने खुद को गोली मार दी।
ये भी कहा जाता है की जसवंत सिंह को चीनी सैनिको ने ज़िंदा पकड़ा और पता चला की एक सिपाही तीन दिन से हमसे लड़ रहा था।
और 300 से ज्यादा हमारे सैनिको को मार चूका है इस वजह से उन्हें फांसी दी और उनका सर काट कर ले गए थे।
- किन्तु युद्ध शांति के बाद उन्होंने जसवंत की वीरता को देखते हुए पीतल की बनी प्रतिमा भेंट की।
माना जाता है की जसवंत सिंह के नाम के आगे शहीद आज भी नहीं लगाया जाता, क्यूंकि सैनिको का कहना है की उनकी आत्मा आज भी पहरा देती है।
और बताया ये भी जाता है की भारत चीन की मीटिंग के दौरान एक खाली चेयर आज भी लगाई जाती है। यहाँ तक की समय-समय पर इनका प्रमोशन भी होता है।
Best Hindi Prerak Kahani
समय-समय पर युद्द होते रहे है लेकिन एक ऐसी महापराक्रम की कहानी जो बतानी जरुरी थी। ताकि आप भी एक जिद्द पाल सके। आप भी उस गरीबी की बेड़िया तोड़ सके।दोस्त कोई नहीं रोक सकता यदि आप कुछ करना चाहते हो। यदि आपको Jaswant Singh Rawat की motivational kahani पसंद आयी तो इसे शेयर जरूर करे।
ये पड़ना ना भूले:-
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1 Comments
I love Jaswant Singh
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